Table of Contents
- DM Full Form In Hindi
- DM (कलेक्टर) कौन होता है ?
- DM के कार्य क्या होते हैं ?
- DM की सैलरी कितनी होती है ?
- DM को मिलने वाली सुविधाएँ
- DM कैसे बनें ? – जिला कलेक्टर कैसे बनें ?
- DM बनने के लिए निर्धारित आयु कितनी है ?
- DM बनने के लिए क्या योग्यता होनी चाहियें ?
- DM बनने के लिए CSE में कितने Attempt मिलते हैं ?
- DM बनने के चरण या चयन प्रक्रिया क्या है ?
- अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
- Conclusion (निष्कर्ष)
DM Full Form In Hindi : DM ये नाम सुनने में जितना अच्छा लग रहा है, इसका पद वास्तव में उतना ही बेहतरीन होता है। तो आज के आर्टिकल का मुख्य केंद्रबिंदु “DM Full Form In Hindi” या “DM कौन होता है ?” है।
क्या आप DM नाम से अपरिचित हैं ? क्या आपने DM के बारे में सुना तो है लेकिन आपको इसकी पूरी जानकारी नहीं है ? क्या आप DM बनने के बारे में Detailed Information ढूँढ रहे हैं ? अगर आप इन्हीं स्थितियों में हैं तो आज का आर्टिकल आपकी मदद करेगा।
वैसे सामान्य तौर पर आप पहले जान लें कि DM भारतीय प्रशासनिक सेवा अर्थात IAS की ही एक Post होती है जिसे पाने के लिए हर साल काफ़ी लोग अपना भाग्य आजमाते हैं और कुछ ही इसे पाने में सफल होते हैं।
इस पोस्ट की जो मोहिनी है वो हर किसी की आँखों को मोहित कर लेती है और इसका कारण इस पद की शक्तियां, सुविधाएँ और इसमें आपको समाज सेवा के मिलने वाले अवसर हैं।
अब आपके मन में इसके बारे में काफ़ी सवाल उठेंगे कि DM Full Form In Hindi क्या है ?, DM कौन होता है, DM के कार्य क्या क्या हैं ?, DM की सैलरी कितनी होती है ?, DM कैसे बनें ?, DM बनने की प्रोसेस क्या है ? तो अब हम अपना रुख धीरे-धीरे इन्हीं कि तरफ मोड़ते हैं –
DM Full Form In Hindi
सबसे पहले हम DM की Long Form की बात करते हैं। DM Short Form कई अन्य क्षेत्रों में भी काम ली जाती है। अन्य क्षेत्रों को छोड़कर भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) में DM की फुल फॉर्म होती है –
D – District – जिला
M – Magistrate – मजिस्ट्रेट
DM = (District Collector) – जिलाधिकारी (जिला मुख्य अधिकारी)
इस प्रकार DM की फुल फॉर्म District Magistrate (जिलाधिकारी या जिला मुख्य अधिकारी) होती है।
DM (कलेक्टर) कौन होता है ?
DM को जिलाधिकारी या मुख्य अधिकारी कहा जाता है। हम आमतौर पर इन्हें जिला कलेक्टर भी कहते हैं। ये एक अहम प्रशासनिक पद है। इन्हें एक-एक जिला आवंटित किया जाता है मतलब इनका कार्य क्षेत्र इन्हें सौंपा गया जिला होता है।
वैसे ये IAS की छोटी पोस्ट होती है तो आप अंदाज़ा लगा सकते हैं कि अगर IAS अर्थात DM की पदोन्नति (Promotion) होती है तो आगे कितनी कितनी बड़ी पोस्ट मिल सकती हैं।
एक जिला कलेक्टर के कार्य क्षेत्र में सभी विभाग आते हैं जिनका संचालन और रखरखाव का ज़िम्मा कलेक्टर पर होता है। इस पद के रुतबे के अंदाज़ा आप तब अच्छे से लगा सकते हैं जब आप किसी DM से रूबरू हों।
चलिए अब इनके कार्य देख लेते हैं कि बतौर जिलाधिकारी कौन कौनसे काम करने पड़ते हैं।
DM के कार्य क्या होते हैं ?
जिला कलेक्टर पर जिले के सभी कार्यों का उतरदायित्व होता है मतलब जिला स्तर के कार्यों को संपन्न करवाने की ज़िम्मेदारी जिलाधिकारी महोदय की होती है। सब काम से मतलब ये नहीं है कि ये सब काम कलेक्टर को स्वयं जाकर करवाने होते हैं। नहीं, इन सब के लिए इनके नीचे कई अधिकारी होते हैं जो इनके मार्गदर्शन में ये काम करवाते हैं।
कलेक्टर की ज़िम्मेदारी होती है कि काम सही हो और समय पर हो। बतौर कलेक्टर आईएएस को निम्न तरह के कार्य सौंपे जाते है –
- जिलाधिकारी को विकास कार्य, आपदा प्रबंधन व संकट प्रबंधन जैसे कार्यों को सुचारु रूप से संपन्न करना होता है।
- कलेक्टर को जिले की कानून व्यवस्था को सुसंचालन करना होता है। वैसे कानून व्यवस्था स्थापित करना आदि कार्य करने का दारोमदार जिले में SP (IPS) पर होता है।
- जिले में केंद्र या राज्य की नीतियों का सफ़ल व सुचारु क्रियान्वयन या संचालित करना इनकी ज़िम्मेदारी है।
- जिलाधिकारी को अपने अधीनस्थ काम कर रहे अधिकारियों का निरीक्षण व आवश्यकता पर उनमें शिथिलता दूर करना होती है।
- जेलों व पुलिस स्टेशन सहित पुलिस अधिकारियों की जांच भी इनके ज़िम्मे होती है।
- जिलाधिकारी आपराधिक प्रक्रिया संहिता की निवारक धारा के अंतर्गत आने वाले मामलों की सुनवाई भी करते हैं।
- आर्म्स एक्ट के तहत हथियारों के लाइसेंस देना भी इनके कार्यश्रेणी में आता है।
- ये विभिन्न जिला कार्यालयों और उपविभागों व तहसीलों का निरिक्षण भी करते हैं।
- अन्य में कृषि व ऋण संबंधी कई कार्य भी इन्हें Manage करने पड़ते हैं।
- इन सब के अलावा लगभग हर जिले स्तर के सरकारी कागजातों पर श्रीमान के हस्ताक्षरों की जरूरत होती ही है।
इनके अलावा भी जिलाधिकारी के कई कार्य होते हैं जिनमें उपर्युक्त कार्य मुख्य हैं।
DM की सैलरी कितनी होती है ?
अगर तनख्वाह की बात करें तो इस पद में मिलने वाले सम्मान, सुविधाएँ और कार्य क्षमता के सामने बड़ी से बड़ी तनख्वाह भी क्या है ?
खैर, बतौर IAS, DM को प्रतिमाह लगभग 1 लाख से 1.50 लाख सैलरी मिलती हैं जिसमें उनको अन्य सरकारी सुविधाएँ भी दी जाती हैं।
DM को मिलने वाली सुविधाएँ
तनख्वाह के अलावा जिलाधिकारी को सरकार की तरफ से मिलने वाली सुविधाओं में निम्न सुविधाएँ मिलती हैं –
- अधिकारी के कार्यकाल तक निवास के लिए घर,
- घर व बाहर सब जगह 24/7 सुरक्षा,
- परिवहन के लिए अफसर लायक गाड़ियाँ,
- वाहन चालन के लिए ड्राईवर,
- वाहन के खर्चे का वहन सरकार द्वारा,
- आम घरेलु बिल (बिजली, पानी आदि) बिलकुल मुफ्त या बहुत सब्सिडी,
- फ्री इंटरनेट, कॉलिंग, एसएमस व लैंडलाइन सुविधा,
- किसी प्रशासनिक कार्य के लिए यात्रा करने पर संबंधित भवन में ठहरने की सुविधा.
- घरेलु कार्यों के लिए अलग से स्टाफ की सुविधा,
- 2 से 4 वर्ष का अध्ययन अवकाश व विदेश में अध्ययन के लिए सरकार द्वारा खर्च वहन,
- इनके अलावा उन्हें क्रिकेट, संगीत, मूवी आदि के लिए फ्री टिकेट और PF सुविधा व पेंशन सुविधा भी मिलती है।
DM कैसे बनें ? – जिला कलेक्टर कैसे बनें ?
अगर आप भी DM (IAS) बनने का सपना संजोये बैठे हैं तो आपको इसके लिए UPSC (Union Public Service Commission) द्वारा करवाई जाने वाली सिविल सेवा परीक्षा (CSE) परीक्षा उत्तीर्ण करनी होगी।
यह परीक्षा कठिन परीक्षाओं में से एक हैं लेकिन वास्तव में कठिन परीक्षा नहीं है बस अंतर है इस Exam के प्रश्नों की प्रवृति में। इनका भी निर्धारित विस्तृत पाठ्यक्रम होता है जिनमें से परीक्षा में प्रश्न आते हैं।
जिसमें आपको तीन चरण पूरे करने होंगे जिनके बारे में हम बाद में बात करेंगे पहले हम जान लेते हैं कि ये परीक्षा देने के लिए आपकी उम्र व योग्यता कितनी होनी चाहिए ?
DM बनने के लिए निर्धारित आयु कितनी है ?
Age Requirement To Become A DM : अगर आप DM बनने के लिए CSE परीक्षा का आवेदन प्रपत्र भरना चाहते हैं तो आपकी एक निश्चित आयु होनी चाहिए।
जान लें कि परीक्षा देने के लिए हर वर्ग (Class) के लिए अलग अलग न्यूनतम व अधिकतम आयु सीमा निर्धारित की गयी है। जो इस प्रकार है –
General या सामान्य वर्ग के लिए आयु सीमा न्यूनतम 21 वर्ष और अधिकतम 30 वर्ष रखी गयी है मतलब आप 21 वर्ष की उम्र से लेकर 32 वर्ष की उम्र तक यह परीक्षा दे सकते हैं।
OBC या अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आयु सीमा न्यूनतम 21 वर्ष ही व अधिकतम 33 वर्ष रखी गयी है मतलब 21 वर्ष से लेकर 35 वर्ष की उम्र तक आप परीक्षा देने योग्य हैं।
SC व ST के लिए न्यूनतम आयु वही 21 वर्ष व अधिकतम आयु सीमा 35 वर्ष रखी गयी है अर्थात 37 वर्ष की उम्र तक आप योग्य हैं।
वर्ग (Class) | न्यूनतम आयु | अधिकतम आयु |
---|---|---|
General | 21 वर्ष | 32 वर्ष |
OBC | 21 वर्ष | 35 वर्ष |
SC/ST | 21 वर्ष | 37 वर्ष |
DM बनने के लिए क्या योग्यता होनी चाहियें ?
आयु के अलावा आपकी योग्यता में बस आपकी शिक्षा शामिल है। UPSC की सिविल सेवा परीक्षा देने के लिए अर्थात DM बनने के लिए आप Graduate (स्नातक) होने चाहिए।
आपके पास किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से स्नातक (Graduation) की डिग्री होनी चाहिए। आपकी यह डिग्री किसी भी विषय में हो सकती है।
बस जरूरी है कि आपके पास स्नातक की उपाधि हो और वो भी मान्यता प्राप्त संस्थान से।
DM बनने के लिए CSE में कितने Attempt मिलते हैं ?
अगर आप प्रथम प्रयास में सिविल सेवा परीक्षा उत्तीर्ण नहीं कर पाते हैं तो आप दोबारा भी प्रयास कर सकते हैं। ये अलग-अलग वर्ग के लिए अलग निर्धारित हैं।
हर वर्ग (Class) के लिए निर्धारित Attempt कुछ इस प्रकार हैं –
General (सामान्य वर्ग) में निर्धारित अधिकतम आयु 32 वर्ष तक 6 Attempt दिए जा सकते हैं।
OBC (अन्य पिछड़ा वर्ग) में निर्धारित अधिकतम आयु 35 वर्ष तक 9 Attempt दिए जा सकते हैं।
SC व ST (अनुसूचित जाति/जनजाति) में निर्धारित अधिकतम आयु 37 वर्ष तक Unlimited अर्थात असीमित Attempt दिए जा सकते हैं।
आप इस सूची से इसे आसानी से समझ सकते हैं।
वर्ग (Class) | Attempts |
---|---|
General | 6 Attempts (Till 32 Years) |
OBC | 9 Attempts (Till 35 Years) |
SC/ST | Unlimited (Till 37 Years) |
DM बनने के चरण या चयन प्रक्रिया क्या है ?
अगर आप UPSC की परीक्षा देने योग्य हैं तो अब बात आती है कि यदि आप सिविल सेवा परीक्षा देते हैं तो उसमें कितने चरण होंगे और DM बनने की प्रक्रिया क्या है ?
तो जैसा कि हमने आपको पहले बताया था कि DM बनने अर्थात CSE परीक्षा में आपको तीन चरणों से गुजरना पड़ता है। वो तीन चरण निम्नांकित हैं –
Preliminary Exam (प्रारंभिक परीक्षा)
इसे सामान्य तौर पर Pre Exam भी कहते हैं। यह परीक्षा सामान्यतः मई महीने में होती है। व इसमें आपको 2 पेपर हल करने होते हैं जो 200-200 नंबर के होते हैं। इस परीक्षा में पास होने के लिए आपको 33% अंक चाहिए होते हैं।
इस परीक्षा में प्रश्नों का प्रकार वस्तुनिष्ठ (बहुविकल्पीय) होता है। अर्थात आपको A,B,C,D या अ,ब,स,द में से सही उत्तर को पहचान कर OMR शीट में भरना पड़ता है। इस परीक्षा में नेगेटिव मार्किंग भी लागू है जिसमें 3 गलत उत्तर होने पर 1 सही उत्तर के अंक काट लिए जाते हैं।
इस परीक्षा का उद्देश्य सभी में से कुछ गंभीर व योग्य उम्मीदवारों को छांट लेना होता है। अहम् बात ये है कि इस परीक्षा के अंक मेरिट लिस्ट में नहीं जोड़े जाते हैं।
Main Exam (मुख्य परीक्षा)
हम इसे संक्षिप्त में Mains कहते हैं। प्रारंभिक परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद आपको ये परीक्षा देनी होती है। यह परीक्षा सामान्यतः सितम्बर महीने में होती है। इस परीक्षा में आपको 250-250 अंक के 7 व 300-300 अंकों के 2 (अनिवार्य हिंदी व अंग्रेजी जिनमें बस आपको 25% अंक चाहिए होते हैं) पेपर हल करने पड़ते हैं।
ये परीक्षा वस्तुनिष्ठ न होकर वर्णनात्मक है अर्थात इसमें आपको लिखना पड़ेगा और जिसमें आपकी लेखन शैली आपका सहारा बनेगी। ये परीक्षा कुल 1750 अंकों की होती है।
इस परीक्षा की कठिनाई के कारण इसमें आपकी लेखन शैली बहुत मायने रखती है। अगर आप यह परीक्षा भी उत्तीर्ण कर लेते हैं तो आप अंतिम चरण साक्षात्कार यानी Interview के पास पहुँच जाते हैं।
Interview (साक्षात्कार)
यह सबसे अंतिम व महत्वपूर्ण चरण होता है। मुख्य परीक्षा में उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को सामान्यतः फ़रवरी से अप्रेल के मध्य साक्षात्कार के लिए बुलाया जाता है। इंटरव्यू का कोई निश्चित पाठ्यक्रम नहीं होता है। यह कुल 275 अंकों का होता है और उतना ही कठिन।
इसमें आपके व्यक्तित्व व धैर्य आदि गुणों की जांच की जाती है। इसमें हर वो प्रश्न पूछा जा सकता है जो दुनिया में सोचा जा सकता है अर्थात जो आपको व्यक्त भी कर पाए। ये अभ्यर्थी को बैचेन करने वाला चरण होता है।
साक्षात्कार में सफल होने पर ही आप मेरिट लिस्ट में आ सकते हैं। मुख्य परीक्षा और इंटरव्यू के अंकों को जोड़ कर मेरिट तैयार की जाती है।
तो इस तरह आप DM बनने के चरणों को थोड़ी मुश्किलों का सामना करते हुए पार कर सकते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
DM की फुल फॉर्म क्या होती है ?
जैसा कि हम आपको बता चुके हैं कि DM की फुल फॉर्म District Megistrate (जिलाधीश/जिला कलेक्टर) होती है।
DM बनने के लिए UPSC परीक्षा देने के लिए कितने Attempt मिलते हैं ?
निर्धारित आयु सीमा में General वर्ग को 6, OBC को 9 व SC/ST को Unlimited Attempts मिलते हैं।
DM बनने के लिए CSE के इंटरव्यू में “आप कितनी सीढियाँ चढ़ कर आये, दीवार का कैसा रंग है?” ऐसे सवाल पूछे जाते हैं ?
नहीं, ऐसे सवाल इंटरव्यू में नहीं पूछे जाते हैं। Youtube पर दिखाए गए ऐसे प्रश्नों से भ्रमित न हों।
DM पद के लिए CSE के इंटरव्यू में कैसे प्रश्न पूछे जा सकते हैं ?
इंटरव्यू में आपसे अक्सर आपके विषय व रूचि इत्यादि से संबंधित सवाल पूछे जाते हैं। एक अंदाज़ा लगाने के लिए आप इनके Mock Interviews देख सकते हैं जो आपको Youtube पर मिल जायेंगे।
Conclusion (निष्कर्ष)
आज हमने DM यानि जिलाधिकारी या जिला कलेक्टर के बारे में बात की है जिसमें हमने कई बिंदुओं पर बात कि जिसमें निम्नलिखित बिंदु शामिल हैं –
- DM Full Form In Hindi
- DM (कलेक्टर) कौन होता है ?
- DM के कार्य क्या होते हैं ?
- DM की सैलरी कितनी होती है ?
- DM को मिलने वाली सुविधाएँ
- DM कैसे बनें ? – जिला कलेक्टर कैसे बनें ?
- DM बनने के लिए निर्धारित आयु कितनी है ?
- DM बनने के लिए क्या योग्यता होनी चाहियें ?
- DM बनने के लिए CSE में कितने Attempt मिलते हैं ?
- DM बनने के चरण या चयन प्रक्रिया क्या है ?
- Preliminary Exam (प्रारंभिक परीक्षा)
- Main Exam (मुख्य परीक्षा)
- Interview (साक्षात्कार)
- अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
- Conclusion (निष्कर्ष)