Table of Contents
- Swami Vivekananda Biography In Hindi – स्वामी विवेकानंद की जीवनी।
- स्वामी विवेकानंद के बारे में – About Swami Vivekananda |
- Life History Of Swami Vivekananda Ji – स्वामी विवेकानंद जी के जीवन का इतिहास
- स्वामी विवेका नन्द जी की शिक्षा |
- Swami Vivekananda और RamKrishna Paramhansa
- रामकृष्ण मठ की स्थापना
- स्वामी विवेकानंद जी का शिकागो में भाषण – Swami Vivekananda Chicago Speech
- स्वामी विवेकानंद जी के 51 अनमोल वचन । Swami VivekaNanda Ji Ke 51 Anmol Vachan
- 51 Swami Vivekananda Quotes In Hindi
- Swami Vivekananda Ke Anmol Vichar
- Conclusion
आज हम इस पोस्ट में उन्ही के बारें में बात करने वाले है । आज मैं इस पोस्ट में आपको विवेकानंद जी के जीवनी और उनको द्वारा कहे गए कुछ अनमोल वचन का संग्रह लाया हूँ।
Swami Vivekananda Biography In Hindi – स्वामी विवेकानंद की जीवनी।
पूरा नाम | नरेंद्रनाथ विश्वनाथ दत्त |
जन्म | 12 जनवरी 1863 |
जन्मस्थान | कलकत्ता (पं. बंगाल) |
पिता | विश्वनाथ दत्त |
माता | भुवनेश्वरी देवी |
घरेलू नाम | नरेन्द्र और नरेन |
मठवासी बनने के बाद नाम | स्वामी विवेकानंद |
भाई-बहन | 9 |
गुरु का नाम | रामकृष्ण परमहंस |
शिक्षा | 1884 मे बी. ए. परीक्षा उत्तीर्ण |
विवाह | विवाह नहीं किया |
संस्थापक | रामकृष्ण मठ, रामकृष्ण मिशन |
फिलोसिफी | आधुनिक वेदांत, राज योग |
साहत्यिक कार्य | राज योग, कर्म योग, भक्ति योग, मेरे गुरु, अल्मोड़ा से कोलंबो तक दिए गए व्याख्यान |
अन्य महत्वपूर्ण काम | न्यूयार्क में वेदांत सिटी की स्थापना, कैलिफोर्निया में शांति आश्रम और भारत में अल्मोड़ा के पास ”अद्धैत आश्रम” की स्थापना। |
कथन | उठो, जागो और तब तक नहीं रुको जब तक लक्ष्य प्राप्त न हो जाये |
मृत्यु तिथि | 4 जुलाई, 1902 |
मृत्यु स्थान | बेलूर, पश्चिम बंगाल, भारत |
स्वामी विवेकानंद के बारे में – About Swami Vivekananda |
स्वामी विवेकांनद महान पुरुष थे। उनके उच्च विचार , आध्यात्मिक ज्ञान और सांस्कृतिक अनुभव से हर कोई प्रभाबित था। स्वामी विवेकांनद द्वारा कहीं गयी हर वचन से हमें जीवन में कोई -कोई ज्ञान जरूर मिलता है यानि उनका हर वचन अनमोल था। स्वामी जी एक दूरदर्शी सोच के व्यक्ति थे।
उन्होंने भारत में हिन्दू धर्म को बढ़ाने में काफी भूमिका निभाई थी। स्वामी जी का स्वतंत्रा आंदोलन में भी काफी योग्यदान था।
वे एक दयालु स्वभाव के व्यक्ति थे। वे सिर्फ मानव नहीं बल्कि जीव -जन्तुओ को भी करुणा की भावना से देखते थे। ये हमेशा एक बात कहा करते थे
जब तक आप स्वयं पर विश्वास नहीं करते, आप भगवान पर विश्वास नहीं कर सकते ।
Life History Of Swami Vivekananda Ji – स्वामी विवेकानंद जी के जीवन का इतिहास
महापुरुष स्वामी विवेकानंद जी का जनम 12 जनवरी 1863 को हुआ था। उनका असली नाम नरेंद्र नाथ दत्ता था लेकिन बचपन में उन्हें प्यार से लोग नरेंद्र नाम से पुकारते थे।
उनके पिता जी का नाम ‘ विश्वनाथ दत्त ‘ था। उनके पिता जी एक कोलकाता हाई कोर्ट में एक प्रतिष्ठित वकील भी थे और उनके वकालत की लोग काफी सराहना करते थे। उनकी अंग्रेजी और फारसी भाषा पर काफी पकड़ थी।
स्वामी जी के माता का नाम भुनेश्वरी देवी था। उनकी माता जी एक धार्मिक महिला थी और रामायण – महाभारत का पाठ किया करती थी। उनकी भी अंग्रेजी भाषा पर काफी अच्छी पकड़ थी।
स्वामी जी पर उनके माता-पिता का असर पड़ा और बचपन में ही वे अध्यात्म की और जाने लगे थे। वे बचपन में काफी नटखट और सरारती थे इसलिए उनके माता जी हमेशा शिकायत करती थी की मैंने शिव जी पुत्र माँगा था और उन्होंने तो मुझे राक्षस ही दे दिया।
स्वामी विवेका नन्द जी की शिक्षा |
- 1871 में उनके पिता जी ने ईश्वर चंद विद्यासागर के मेट्रोपोलियन संस्थान में एडमिशन करवाया।
- 1877 में उनके परिवार को रायपुर जाना पड़ा जिसके वजह से उनकी शिक्षा बाधित हो गयी उस समय वे तीसरी कक्षा में पढ़ते थे।
- 1879 में , कोलकाता वापिस आ जाने के बाद प्रीडेन्सी कॉलेज के एंट्रेंस एग्जाम में फर्स्ट डिवीज़न लाने वाले वे पहले विद्यार्थी बने।
- वे विभिन्न विषयो जैसे दर्शन शास्त्र, धर्म, इतिहास, सामाजिक विज्ञानं, कला और साहित्य के उत्सुक पाठक थे। हिंदु धर्मग्रंथो में भी उनकी बहोत रूचि थी जैसे वेद, उपनिषद, भगवत गीता, रामायण, महाभारत और पुराण। नरेंद्र भारतीय पारंपरिक संगीत में निपुण थे, और हमेशा शारीरिक योग, खेल और सभी गतिविधियों में सहभागी होते थे।
- 1881 में उन्होंने ललित कला ललित कला परीक्षा में पास किया था और 1884 में उन्होंने कला में अपना स्नातक भी पास किया।
- उन्होंने वकालत की भी पढाई की थी।
Swami Vivekananda और RamKrishna Paramhansa
स्वामी जी बचपन से ही जिज्ञाशी थे उन्होंने एक महर्षि देवेंद्र नाथ से पूछा था की क्या आपने कभी ईश्वर को देखा है ? इस से वे घबरा गए थे और उन्हें रामकृष्ण परमहंस के पास जाने की सलाह दी। स्वामी विवेकनन्द जी ने रामकृष्ण परमहंस को अपना गुरु बनाया था।
1885 में रामकृष्ण परमहंस कैंसर से पीड़ित हो गए थे स्वामी जी उनकी काफी देखभाल की जिसके चलते गुरु और शिष्य का रिश्ता मजबूत हो गया था।
रामकृष्ण मठ की स्थापना
स्वामी जी ने रामकृष्ण परमहंस की मृत्यु के बाद , उन्होंने वराहनगर में रामकृष्ण संघ की स्थापना की बाद में उसका नाम बदल कर रामकृष्ण मठ कर दिया गया। इसी मठ में नरेंद्र नाथ ने ब्रह्मचर्य और त्याग व्रत का संकल्प लिया उसके बाद वे स्वामी विवेकानंद के नाम से प्रशिद्ध हो गए।
स्वामी विवेकानंद जी का शिकागो में भाषण – Swami Vivekananda Chicago Speech
1893 में स्वामी विवेकानंद जी शिकागो पहुंचे और उन्होंने विश्व धर्म सम्मेलन में हिस्सा लिया। इसी दौरान एक जगह पर कई धर्मगुरुओ ने किताब रखी वहीँ भारत के धर्म के वर्णन के लिए श्री मद भागवत गीता रखी गयी थी। जिसका खूब मजाक उड़ाया गया था लेकिन जब विवेकानंद जी ने अपने आध्यात्म ज्ञान से भरा भाषण दिया तो तालियों से गड़गड़ाहट गूंज उठी। यह पोस्ट अभी अपडेट कीजाएगी और पढ़िए – स्वामी जी के बारे में यहाँ |
स्वामी विवेकानंद जी के 51 अनमोल वचन । Swami VivekaNanda Ji Ke 51 Anmol Vachan
1. जब तक आप खुद पर विश्वास नहीं करते हैं तब तक आप भगवान पर विश्वास नहीं कर सकते। – स्वामी विवेकानंद
2. यह कभी मत कहो कि ‘मैं नहीं कर सकता’, क्योंकि आप अनंत हैं। आप कुछ भी कर सकते हैं। – स्वामी विवेकानंद
उठो, जागो और लक्ष्य पूरा होने तक मत रुको। – स्वामी विवेकानंद
3. एक रास्ता खोजो। उस पर विचार करो। उस विचार को अपना जीवन बना लो। उसके बारे में सोचो। उसका सपना देखो, उस विचार पर जियो। मस्तिष्क, मांसपेशियों, नसों, आपके शरीर के प्रत्येक भाग को उस विचार से भर दो। और किसी अन्य विचार को जगह मत दो। सफलता का यही रास्ता है। – स्वामी विवेकानंद
4. आप जोखिम लेने से भयभीत न हो, यदि आप जीतते हैं, तो आप नेतृत्व करते है, और यदि हारते है , तो आप दुसरो का मार्दर्शन कर सकते हैं। – स्वामी विवेकानंद
5. यही आप खुद को कमजोर समझते है तो यह सबसे बड़ा पाप है। – स्वामी विवेकानंद
6. शक्ति जीवन है तो निर्बलता मृत्यु है। विस्तार जीवन है तो संकुचन मृत्यु है। प्रेम जीवन है तो द्वेष मृत्यु है। – स्वामी विवेकानंद
7. अपने इरादों को मज़बूत रखो। लोग जो कहेंगे उन्हें कहने दो। एक दिन वही लोग तुम्हारा गुणगान करेंगे। – स्वामी विवेकानंद
8. अपने आप को विस्तार आपको अपने अंदर से करना होगा। तुम्हें कोई नहीं सिखा सकता, कोई तुम्हें आध्यात्मिक नहीं बना सकता। कोई दूसरा शिक्षक नहीं है बल्कि आपकी अपनी आत्मा है। – स्वामी विवेकानंद
9. यदि हम ईश्वर को अपने हृदय में और प्रत्येक जीवित प्राणी में नहीं देख सकते, तो हम खोजने कहां जा सकते हैं। – स्वामी विवेकानंद
10. जो किस्मत पर भरोसा करते हैं वो कायर हैं, जो अपनी किस्मत खुद बनाते हैं वो मज़बूत हैं। – स्वामी विवेकानंद
51 Swami Vivekananda Quotes In Hindi
11. दुनिया एक महान व्यायामशाला है जहां हम खुद को मजबूत बनाने के लिए आते हैं। – स्वामी विवेकानंद
12. जिस क्षण से मैंने प्रत्येक मानव शरीर के मंदिर में भगवान को बैठे हुए महसूस किया है, उस क्षण से मैं प्रत्येक मनुष्य के सामने श्रद्धा से खड़ा हूं और उसमें भगवान को देख रहा हूं – उस क्षण मैं बंधन से मुक्त हो जाता हूं, वह सब कुछ जो गायब हो जाता है, और मैं मुक्त हूं। – स्वामी विवेकानंद
13. हम जैसा सोचते हैं बाहर की दुनिया बिलकुल वैसी ही है, हमारे विचार ही चीजों को सुंदर और बदसूरत बनाते हैं। सम्पूर्ण संसार हमारे अंदर समाया हुआ है, बस जरूरत है तो चीजों को सही रोशनी में रखकर देखने की। – स्वामी विवेकानंद
14. ब्रह्मांड की सभी शक्तियां हमारे अंदर हैं। यह हम ही हैं जिन्होंने अपनी आंखों के सामने हाथ रखा है और रोते हुए कहा कि अंधेरा है। – स्वामी विवेकानंद
15. अनुभव ही आपका सर्वोत्तम शिक्षक है। जब तक जीवन है सीखते रहो। – स्वामी विवेकानंद
16. कुछ भी ऐसा जो आपको शारीरिक, बौद्धिक और आध्यात्मिक रूप से कमजोर बनता हो, उसे ज़हर सामान मानकर नकार देना चाहियें। – स्वामी विवेकानंद
17. समय का पाबंद होना, लोगों पर आपके विश्वास को बढ़ाता है। – स्वामी विवेकानंद धन्य हैं वह लोग जिनके शरीर दूसरों की सेवा करने में नष्ट हो जाते हैं। – स्वामी विवेकानंद
18. जब कोई विचार विशेष रूप से हमारे मन पर कब्जा कर लेता है, तो यह वास्तविक, भौतिक या मानसिक स्थिति में बदल जाता है। – स्वामी विवेकानंद
19. पवित्रता, धैर्य और दृढ़ता, यह तीनों सफलता के लिए परम आवश्यक हैं। – स्वामी विवेकानंद
20. महान कार्य के लिए महान त्याग करने पड़ते हैं। – स्वामी विवेकानंद
21. यह कभी मत सोचो कि आत्मा के लिए कुछ भी असंभव है। ऐसा सोचना सबसे बड़ा विधर्म है। यदि पाप है, तो यह एकमात्र पाप है, यह कहना कि आप कमजोर हैं, या अन्य कमजोर हैं। – स्वामी विवेकानंद
22. हमारा कर्तव्य है कि हम सभी को अपने उच्चतम विचार को जीने के लिए संघर्ष करने के लिए प्रोत्साहित करें, और साथ ही आदर्श को सत्य के जितना संभव हो सके बनाने के लिए प्रयास करें। – स्वामी विवेकानंद
- Digital Signature Kya Hai Padhiye Yaha – Click Here
Swami Vivekananda Ke Anmol Vichar
23. जब लोग तुम्हे गाली दें तो तुम उन्हें आशीर्वाद दो। सोचो, तुम्हारे झूठे दंभ को बाहर निकालकर वो तुम्हारी कितनी मदद कर रहे हैं। – स्वामी विवेकानंद
24. बड़ी योजना की प्राप्ति के लिए, कभी भी ऊंची छलांग मत लगाओ। धीरे धीर शुरू करो, अपनी ज़मीन बनाये रखो और आगे बढ़ते रहो। – स्वामी विवेकानंद
25. संघर्ष करना जितना कठिन होगा, जीत उतनी ही शानदार होगी। – स्वामी विवेकानंद
26. खुद को कमजोर मान लेता बहुत बड़ा पाप है। – स्वामी विवेकानंद
27. यही आप मुझको पसंद करते हो तो, मैं आपके दिल में हूँ। यदि आप मुझसे नफरत करते हो , तो मैं आपके मन में हूँ। – स्वामी विवेकानंद
28. यदि आपके लक्ष्य मार्ग पर कोई समस्या न आये तो आप यह सुनिश्चित करले कि आप गलत रास्ते में जा रहे हैं। – स्वामी विवेकानंद
29. दिन में कम से कम एक बार खुद से जरूर बात करें अन्यथा आप एक उत्कृष्ट व्यक्ति के साथ एक बैठक गँवा देंगे। – स्वामी विवेकानंद
30. मनुष्य की सेवा ही भगवान की सेवा है। – स्वामी विवेकानंद
31. जो व्यक्ति गरीबों और असहाय के लिए रोता है, वही महान आत्मा है, अन्यथा वो दुरात्मा है। – स्वामी विवेकानंद
32. चिंतन करो, चिंता नहीं , नए विचारों को जन्म दो। – स्वामी विवेकानंद
33. संभव की सीमा को जानने का सबसे उत्तम तरीका है |
Conclusion
दोस्तों स्वामी विवेकानंद जी एक महान पुरुष थे उनके विचारों से हमें जीवनी कई सारे सिख मिलती हैं। इस पोस्ट में हमने आपको स्वामी जे 101 वचन का संग्रह दिया है। यह पोस्ट आप अपने दोस्तों के साथ शेयर करें क्युकी आपको भी पता होगा ज्ञान बाटने से पढता हैं।
धन्यबाद ! ❤